निज गौरव को निज वैभव को
NIJ GAURAV KO NIJ VAIBHW KO
निज गौरव को निज वैभव को , क्यों हिन्दू बहदुर भूल गए।
उपदेश दिया जो गीता में , क्यों सुना सुनना भूल गए। ।२
रावण ने सीया चुराई थी , सोने की लंका जलाई थी।
अब लाखों सीया हरी गई , क्यों लंका जलाना भूल गए। ।
निज गौरव को निज वैभव को , क्यों हिन्दू बहदुर भूल गए।
कान्हा ने रास रचाया था , दुष्टों को मार भगाया था।
अब रास रचना याद रहा , क्यों चक्र चलना भूल गए।
निज गौरव को निज वैभव को , क्यों हिन्दू बहदुर भूल गए।
राणा ने राह दिखाई थी , शिवराज ने भी अपनाई थी।
जिस राह पर बाँदा वीर चला , उस राह पर चलना भूल गए। ।
निज गौरव को निज वैभव को , क्यों हिन्दू बहदुर भूल गए।
भारत माँ की है पुकार यही , केशव की है ललकार यही।
जिस गोद में पलकर बड़े हुए , क्यों मान बढ़ाना भूल गए। ।
निज गौरव को निज वैभव को , क्यों हिन्दू बहदुर भूल गए।
उपदेश दिया जो गीता में , क्यों सुना सुनना भूल गए। ।
निज गौरव को निज वैभव को , क्यों हिन्दू बहदुर भूल गए।
स्वयं अब जागकर हमको जगाना देश है अपना
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