एकल गीत। rss ekal geet | pujya maa ke archna
पूज्य मां की अर्चना
पूज्य मां की अर्चना का , एक छोटा उपकरण हूं।
उच्च है वह शिखर देखो , मैं नहीं वह स्थान लूंगा।
और चित्रित भीती का है , मैं नहीं शोभा बनूंगा।
पूज्य है यह मातृमंदिर ,नींव का मैं एक कण हूं।
पूज्य मां की अर्चना का ,एक छोटा उपकरण हूं। ।
मुकुट मां का जगमगाता , मै नहीं सोना बनूंगा
जगमगाते रत्न देखो , मैं नहीं हीरा बनूंगा।
पूज्य मां की चरण रज का ,एक छोटा धूलकण हूं।
पूज्य मां की अर्चना का , एक छोटा उपकरण हूं। ।
आरती भी हो रही है , गीत बन कर क्या करूंगा।
पुष्पमाला चढ़ रही है , फूल बन कर क्या करूंगा।
माली का एक तंतु , गीत का मैं एक स्वर हूं।
पूज्य मां की अर्चना का , एक छोटा उपकरण हूं। ।
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कलयुग में शक्ति का एक मात्र साधन ‘संघ ‘ है। अर्थात जो लोग एकजुट होकर संघ रूप में रहते हैं , संगठित रहते हैं उनमें ही शक्ति है।
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