सूर्य नमस्कार मन्त्र surya namskaar mantra
ॐ ध्यये सदा सवित्र मंडल
” ॐ ध्यये सदा सवित्र मंडल मध्यवर्ती।
नारायण सरसिजसनसन्निविष्टः
केयूरवन मकरकुण्डलवान किरीटी।
हारी हिरण्मय वपुः धृतशंखचक्रः। ।
अर्थात सूर्य मंडल में स्थित , कमल पर विराजमान , सुवर्णाभूषणो से सुशोभित तथा सुवर्ण कांटी के शंख चक्रधारी भगवान नारायण को ध्यान करें।
उच्चारण : ॐ मित्राय नमः
अर्थ: सबके साथ मैत्रीभाव बनाए रखता है|
उच्चारण: ॐ रवये नमः।
अर्थ: जो प्रकाशमान और सदा उज्जवलित है|
उच्चारण: ॐ सूर्याय नम: ।
अर्थ: अंधकार को मिटाने वाला व जो जीवन को गतिशील बनाता है|
उच्चारण: ॐ भानवे नमः।
अर्थ: जो सदैव प्रकाशमान है|
उच्चारण: ॐ खगाय नमः ।
अर्थ: वह जो सर्वव्यापी है और आकाश में घूमता रहता है|
उच्चारण: ॐ पूष्णे नमः ।
अर्थ: वह जो पोषण करता है और जीवन में पूर्ति लाता है|
उच्चारण: ॐ हिरण्यगर्भाय नमः ।
अर्थ: जिसका स्वर्ण के भांति प्रतिभा / रंग है|
उच्चारण: ॐ मरीचये नमः ।
अर्थ: वह जो अनेक किरणों द्वारा प्रकाश देता है |
उच्चारण: ॐ आदित्याय नम: ।
अर्थ: अदिति (जो पूरे ब्रम्हांड की माता है) का पुत्र
उच्चारण: ॐ सवित्रे नमः ।
अर्थ: जो इस धरती पर जीवन के लिए ज़िम्मेदार है|
उच्चारण: ॐ अर्काय नमः ।
अर्थ: जो प्रशंसा व महिमा के योग्य है|
उच्चारण: ॐ भास्कराय नमः ।
अर्थ: जो ज्ञान व ब्रह्माण्ड के प्रकाश को प्रदान करने वाला है|
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