स्पर्श शाखा का खेल OUT DOOR GAMES OF RSS
1 आंखों पर पट्टी बांधकर स्पर्श का खेल
- एक गोल मंडल की रचना कर ले।
- दो स्वयंसेवक मंडल के भीतर रहेंगे।
- एक स्वयंसेवक के आंख पर पट्टी बांध दिया जाए और एक स्वयंसेवक बिना पट्टी के होंगे।
- पट्टी बांधी स्वयंसेवक आवाज लगाएंगे ” राम ” जवाब में दूसरा स्वयंसेवक ” श्याम “ का उच्चारण करेगा।
- इस ध्वनि के माध्यम से श्याम का उच्चारण करने वाले स्वयंसेवक को पकड़ेंगे।
- मंडल की रचना करने वाले स्वयंसेवक यह ध्यान देंगे और बताएंगे कि वह मंडल से बाहर जा रहे हैं
खेल के लाभ –
इस खेल से यह लाभ होगा कि आप में एकाग्रता की वृद्धि होगी। जिस प्रकार राजा दशरथ शब्दभेदी बाण चलाना जानते थे , केवल आवाज सुनकर ही उस लक्ष्य को भेद देते थे ठीक उसी प्रकार पृथ्वी राज चौहान ने मोहम्मद गोरी को उसके हंसी की आवाज सुनकर ही उसको वाण से मार गिराया था।
2 आँखों पर पट्टी बांधकर स्पर्श का खेल –
- एक स्वयंसेवक के आंखों पर पट्टी बांध दिया जाए।
- बाकी स्वयंसेवक पट्टी बंधी स्वयंसेवक के पीठ पर स्पर्श करेंगे।
- पट्टी बंधी स्वयंसेवक सभी को हाथों से पकड़ने की कोशिश करेंगे।
- पकड़े गए स्वयंसेवक के आंखों पर पट्टी बांधकर यह प्रक्रिया पुनः दोहराई जाएगी।
- अर्थात पट्टी बंधा स्वयंसेवक अब बाकी स्वयंसेवकों को पकड़ेगा।
इस खेल के लाभ –
इस खेल से स्वयंसेवक में एकाग्रता की वृद्धि होती है
वह नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है।
भाईचारे की वृद्धि होती है।
3 उल्टी हथेली पर पत्थर रखकर छूने वाला खेल –
- एक स्वयंसेवक अपनी बाए हाथ की हथेली को उलटी कर एक छोटे से पत्थर का टुकड़ा रखेगा।
- बिना पत्थर के गिरे सभी स्वयंसेवकों को दौड़कर पकड़ेगा किंतु पत्थर नहीं गिरना चाहिए।
- पत्थर के गिरने पर सभी स्वयंसेवक उसके पीठ पर मारेंगे।
इस खेल के लाभ –
इस खेल के माध्यम से स्वयंसेवक में अपने इंद्रियों को वश करने की शक्ति आती है।
अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त करने की समझ भी विकसित होती है।
4 चरण छू का खेल –
- 2 , 4 , 6 , 8 आदि सम की संख्या में स्वयंसेवक को आमने सामने खड़ा करें।
- आमने-सामने खड़े स्वयंसेवक अपने चरण को बचाते हुए सामने खड़े स्वयंसेवक के चरणों को स्पर्श करेंगे।
- इस प्रक्रिया में जिस स्वयंसेवक का चरण स्पर्श हो जाएगा वह इस खेल से बाहर होगा।
- अंत तक बचे हुए स्वयंसेवक की विजय होगी।
इस खेल के लाभ –
यह खेल शरीर की मजबूती।
मस्तिष्क की तीव्रता।
एकाग्रता को विकसित करने में सहायक है।
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5 केंद्र चलो –
- इस खेल में दो पक्ष होंगे एक मुख्य शिक्षक और एक सभी स्वयंसेवक।
- मुख्य शिक्षक की ओर मुख ( मुँह ) किए हुए सभी स्वयंसेवक कुछ दूरी पर खड़े रहेंगे।
- एक स्वयंसेवक के आंखों पर पट्टी बांधी जाएगी।
- मुख्य शिक्षक सीटी बजाएंगे।
- पट्टी बंधी स्वयंसेवक सीटी की आवाज सुनकर मुख्य शिक्षक के पास जाएंगे और अपने बाएं हाथ से मुख्य शिक्षक को स्पर्श करेंगे।
- यदि मुख्य शिक्षक को स्पर्श कर पाएंगे तो उनकी विजय होगी।
इस खेल के लाभ –
यह खेल मस्तिष्क की शक्ति के विकास के लिए लाभप्रद है।
एकाग्रता बनाए रखने में भी सहायक है।
6 मरखाह बैल –
- एक स्वयंसेवक मरखाह ( बिगड़ा बैल जो सबको मरता चलता है ) बैल बनेगा।
- बाकी सभी स्वयंसेवक इस बैल से बचेंगे
- मरखाह बैल बने स्वयंसेवक अपने दोनों हाथों को पीछे बांधे हुए सिर के माध्यम से सभी स्वयंसेवक को पकड़ने का प्रयत्न करेंगे।
- जो स्वयंसेवक स्पर्श हो गए वह इस खेल से बाहर होते जाएंगे।
इस खेल के लाभ –
इस खेल से शारीरिक अभ्यास होता है।
शरीर की मजबूती होती है
मष्तिष्क में एकाग्रता होती है
शरीर की स्थिरता के लिए भी या खेल लाभप्रद है।
7 गणेश छू –
- एक स्वयंसेवक गणेश जी बनेंगे बाकी स्वयंसेवक भागकर स्पर्श होने से बचेंगे।
- गणेश बने स्वयंसेवक बाएं हाथ से अपने नाक पकड़ेंगे , दाएं हाथ से नाक और कंधे के बीच बने भाग से बाहर निकालकर गणेश के जैसा आकार बनाएंगे।
- सभी स्वयंसेवक को उस हाथ ( दाएं ) से पकड़ने की कोशिश करेंगे।
- जो स्वयं सेवक को गणेश जी स्पर्श कर लेते हैं वह स्वयं सेवक खेल से बाहर होंगे।
इस खेल के लाभ –
इस खेल के माध्यम से आपसी सौहार्द का भाव उत्पन्न होता है।
नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है।
शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक है।
8 राम – राजा – रावण –
- यह खेल बच्चों को अत्यंत प्रिय है।
- इस खेल को खेलने के लिए मुख्य शिक्षक दो दल बना लें।
- मुख्य शिक्षक दोनों दलों को सामने खड़ा कर लें।
- दोनों दलों का मुख ( मुँह ) मुख्य शिक्षक की ओर होना चाहिए।
- दोनों दलों का नाम रख दिया जाए एक दल का नाम ” राम “ दूसरे दल का नाम ” राजा “ और मुख्य शिक्षक स्वयं ” रावण “ होंगे।
- मुख्य शिक्षक जब राम का उच्चारण करेंगे तो राम अपनी तय की हुई सीमा पर पहुंचेंगे।
- किंतु राजा बने दल के स्वयंसेवक उन्हें सीमा पर पहुंचने से पहले ही पकड़ने का प्रयत्न करेंगे पकड़े गए राम दल के स्वयंसेवक खेल से बाहर होते जाएंगे।
- यही प्रक्रिया राजा दल के साथ भी दोहराई जाएगी।
- रावण कहने पर जो भी स्वयंसेवक अपनी स्थिति से हिलता या भगता है वह भी खेल से बहार होंगे क्योंकि रावण मुख्य शिक्षक बने है।
- इस प्रक्रिया में जो दल पहले समाप्त हो जाएगा वह इस खेल में विजयी नहीं हो पाएगा।
इस खेल के लाभ –
इस खेल से स्वयंसेवकों में सुनने की क्षमता का विकास होता है
अनुकरण करने की क्षमता का विकास होता है।
नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है।
आपसी सौहार्द उत्पन्न होता है।
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9 चिड़िया छू –
- एक स्वयंसेवक चिड़िया बनेगा बाकी सभी स्वयंसेवक चिड़िया से स्पर्श ना होने के लिए दौड़ेंगे।
- चिड़िया बने स्वयंसेवक अपने दोनों हाथों को फैलाकर पंख का आकार बनाएगा।
- इसी आकार में बिना हाथ मोड़े सभी स्वयंसेवक को पकड़ेगा।
- स्पर्श हुए स्वयंसेवक को खेल से बाहर होना पड़ेगा।
इस खेल के लाभ –
इस खेल के खेलने से कार्य को जल्दी समाप्त करने का भाव उत्त्पन होगा।
एकाग्रता की भावना उत्पन्न होती है।
स्वास्थवर्धक है।
आपसी सौहार्द का भाव आता है।
10 बर्फ – पानी
- एक स्वयंसेवक मुख्य भूमिका निभाएगा जो सभी स्वयंसेवक को स्पर्श करेगा।
- बाकी सभी स्वयंसेवक स्पर्श होने से बचेंगे।
- स्पर्श हुए स्वयंसेवक यथास्थान , यथावस्था बर्फ की भांति खड़े रहेंगे।
- जब तक अन्य स्वयंसेवक उन्हें स्पर्श करके पानी नहीं बनाते।
- बर्फ बनाने वाला स्वयंसेवक यह ध्यान रखें कि बर्फ बने स्वयंसेवक को कोई पानी ना बना सके।
- इस प्रक्रिया में अन्य को भी बर्फ बनाने की कोशिश करें।
- यदि सभी बर्फ बन जाते हैं तो बर्फ बनाने वाले स्वयं सेवक की विजय होगी।
इस खेल के लाभ –
इस खेल को खेलने से कार्य को जल्दी समाप्त करने की क्षमता का विकास होता है।
अपने दिए हुए लक्ष्य की प्राप्ति को यथाशीघ्र करने की क्षमता का विकास होता है।
नेतृत्व करने की क्षमता का भी विकास होता है।
स्वास्थ्य के लिए यह खेल लाभप्रद भी है।
11 जोड़ी में दौड़ ( चैन – चैन ) –
- एक स्वयंसेवक दौड़ेगा सभी स्वयंसेवक को पकड़ने के लिए।
- जो स्वयंसेवक स्पर्श होते जाएंगे वह पहले स्वयंसेवक से जुड़कर एक हाँथ को पकड़कर अन्य सभी स्वयंसेवकों को पकड़ेंगे।
- इस क्रम में जब सभी स्वयंसेवक पकड़े जाएंगे तो खेल की विजय होगी
इस खेल के लाभ –
इस खेल को खेलने में शक्ति की वृद्धि होती है।
नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है।
दिए हुए लक्ष्य को प्राप्त करने का कौशल भी आता है।
12 तांडव नृत्य –
- एक मंडल की रचना संख्या अनुसार बना लें।
- सभी स्वयंसेवक मंडल में खड़े रहेंगे।
- सभी नृत्य करते हुए एक – दूसरे के पैर पर अपना पैर स्पर्श करेंगे।
- दूसरे स्वयंसेवक अपने पैर को बचाते हुए प्रतिहार ( सामने वाले के पैरों पर अपना पेअर स्पर्श ) करेंगे।
- इस क्रम में जिनका पैर स्पर्श हो जाता जायेगा वह खेल से बाहर होते जाएंगे।
- अंत तक बने रहे स्वयंसेवक विजई होंगे।
इस खेल के लाभ –
स्वयंसेवक तांडव नृत्य के बारे में जान पाएंगे।
यह नृत्य शिव जी का नृत्य कहलाता है।
शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क का भी विकास इस खेल के माध्यम से होता है।
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13 दंड धारी को पकड़ना –
- एक स्वयंसेवक छूने वाला बनेगा।
- साथी स्वयंसेवक अपनी टोली में एक दंड रखेंगे।
- उस दंड को अपनी टोली में एक – दूसरे तक पहुंचाएंगे।
- छूने वाला स्वयंसेवक उस स्वयंसेवक को दौड़कर पकड़ेगा , जिसके पास दंड है।
- दंडधारी स्वयंसेवक के पकड़े जाने के उपरांत दंडधारी की भूमिका छूने वाले स्वयंसेवक के रूप में परिवर्तित हो जाएगी।
इस खेल के लाभ –
इस खेल को खेलने से स्वयंसेवक में शारीरिक विकास होता है
सौहार्द का भाव उत्त्पन्न होता है।
नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है।
साथ ही साथ वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यत्न करता है , जिसके कारण से उसके मस्तिष्क का विकास भी होता है।
14 दंडधारी बनाओ –
- एक स्वयंसेवक दंड लेकर बाकी सभी स्वयंसेवकों को पकड़ेगा।
- पकड़े गए स्वयंसेवक अपने एक हाथ से दंड को पकड़ते जाएंगे और दूसरे स्वयंसेवक को पकड़ेंगे।
- जो – जो स्वयंसेवक पकड़ा जाएगा वह अपने एक हाथ से दंड पकड़ता जाएगा और अन्य सभी स्वयंसेवक मिलकर पकडते जाएंगे।
- यह खेल चैन – चैन की भांति होता है , किंतु इसमें हाथ की जगह डंडे को पकड़ना होता है।
इस खेल के लाभ –
इस खेल को खेलने से कठिन श्रम का अभ्यास होता है।
किसी लक्ष्य को यथाशीघ्र प्राप्त करना इस भावना का विकास होता है।
नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है।
सौहार्द का विकास भी इस खेल से संभव है।
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15 ध्वनि की खोज –
- सभी स्वयंसेवक मंडल की रचना कर लें।
- मंडल के भीतर एक स्वयंसेवक खड़े होंगे।
- स्वयंसेवक की आंखों पर पट्टी बांध दें।
- सभी स्वयंसेवक 1 – 1 करके ” आओ मित्र “ कहकर संबोधन करेंगे।
- संबोधन करने वाले स्वयंसेवक को मंडल के भीतर खड़ा स्वयंसेवक पकड़ेगा।
- पकड़े गए स्वयंसेवक की भूमिका मंडल के भीतर खड़े रहने वाले स्वयं सेवक के रूप में परिवर्तित हो जाएगी।
इस खेल के लाभ –
इस खेल के माध्यम से स्वयंसेवक में ध्वनि ग्रहण करने की क्षमता का विकास होता है।
एकाग्रचित होकर लक्ष्य प्राप्ति का भाव उत्त्पन होता है।
आपसी सौहार्द आदि की भावना का विकास होता है।
16 पुकार की पकड़ –
- एक मुख्य शिक्षक होंगे।
- एक छूने वाला स्वयंसेवक ,
- बाकी दौड़कर छूने वाले स्वयंसेवक से बचने के लिए तैयार रहेंगे।
- मुख्य शिक्षक किसी भी स्वयं सेवक का नाम पुकारेंगे छूने वाला स्वयंसेवक उस नाम को सुनकर उस नाम के स्वयंसेवक को पकड़ेंगे।
- बीच में मुख्य शिक्षक , दूसरे स्वयंसेवक का नाम पुकार सकते हैं।
- छूने वाला व्यक्ति पुकारे गए नाम को दौड़कर यथा शीघ्र पकड़ने का प्रयास करेंगे।
इस खेल के लाभ –
सुनने की क्षमता का विकास होता है।
एकाग्रता का विकास होता है।
लक्ष्य की प्राप्ति यथाशीघ्र करने की भावना का विकास होता है।
यह खेल आपसी सौहार्द को बनाए रखने में भी सहायक है।
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विद्या ददाति विनयम
कलयुग में शक्ति का एक मात्र साधन ‘संघ ‘ है। अर्थात जो लोग एकजुट होकर संघ रूप में रहते हैं , संगठित रहते हैं उनमें ही शक्ति है।
साथियों संघ के गीत का यह माला तैयार किया गया है , जो संघ के कार्यक्रम में ‘ एकल गीत ‘ व ‘ गण गीत ‘ के रूप में गाया जाता है। समय पर आपको इस माला के जरिए गीत शीघ्र अतिशीघ्र मिल जाए ऐसा हमारा प्रयास है। आप की सुविधा को ध्यान में रखकर हमने इसका मोबाइल ऐप भी तैयार किया है जिस पर आप आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
” राम – राज फिर आएगा , घर – घर भगवा छाएगा”
इस भगवा प्लेटफार्म से हम हिंदू अथवा हिंदुस्तान के लोगों से एक सभ्य व शिक्षित समाज की कल्पना करते हैं। जिस प्रकार से राम – राज्य में शांति और सौहार्द का वातावरण था , वैसे ही राज्य की कल्पना हम इस समाज से करते हैं।
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