हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है। bhart ki maati se pyaar geet

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है

 

 

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है ,

माटी से अनुपम प्यार है , माटी से अनुपम प्यार है। । २

 

 

इस धरती पर जन्म लिया था दसरथ नंन्दन राम ने ,

इस धरती पर गीता गायी यदुकुल – भूषण श्याम ने।

इस धरती के आगे झुकता मस्तक बारम्बार है। ।

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है………..

 

हमको अपनी भारत की माटी से
हमको अपनी भारत की माटी से

 

इस धरती की गौरव गाथा गायी राजस्थान ने ,

इस पुनीत बनाया अपने वीरों के बलिदान ने।

मीरा के गीतों की इसमें छिपी हुई झंकार है। ।

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है………..

 

 

कण – कण मंदिर इस माटी का कण – कण में भगवान् है ,

इस माटी से तिलक करो यह मेरा हिन्दुस्तान है।

हर हिन्दू का रोम रोम भारत का पहरेदार है। ।

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है………..

 

 

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है ,

माटी से अनुपम प्यार है , माटी से अनुपम प्यार है। ।

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