संघ गीत
आज हिमालय की चोटी से , भगवा ध्वज लहराएगा।
जाग उठे हम हिन्दू फिर से , भारत स्वर्ग बनाएगा। । २
इस झंडे की महिमा देखो , रंगत अजब निराली है।
इस पर तो ईश्वर ने डाली सूर्योदय की लाली है।
प्रखर अग्नि में इसकी पड़ ,शत्रु स्वाहा हो जायेगा। ।
इस झंडे को चनदरगुप्त ने हिन्दू – कुश पर फहराया।
मरहटों ने मुगल-तख्त को चूर -चूर का दिखलाया।
मिटटी मि मिल जायेगा जो , इसको अकड़ दिखायेगा। ।
इस झंडे की खतिर देखो प्राण दिए रानी झाँसी।
हमको भी यह व्रत लेना है , सूली हो या फांसी।
बच्चा – बच्चा वीर बनेगा , अपना रक्त बहायेगा। ।
जाग उठे हम हिन्दू फिर से , भारत स्वर्ग बनाएगा। ।
आज हिमालय की चोटी से , भगवा ध्वज लहराएगा।
जाग उठे हम हिन्दू फिर से , भारत स्वर्ग बनाएगा। । २
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