सक्रांति गीत। rss geet
14 जनवरी गीत।sankranti ka geet
सक्रांति गीत – मकर संक्राति पर्व पर गाये जाने वाला अद्भुत गीत |
सक्रांति गीत
आ गया आ गया आ गया संक्रांति का सन्देश पावन
संक्रमण का पर्व यह जनमन सुहावन।२
त्याग गत पंथ दिनकर बढ़ चला नूतन डगर
नियति मधुऋतु वरण करनी आज नव श्रृंगार कर
सुरभि बिखरा गगन करता स्वहित गायन
संक्रमण का पर्व। ।
यह भी पढ़ें –संगठन हम करें आफतों से लडे हमने ठाना।sangh geet mala | गणगीत आरएसएस
स्नेह समता बन्धता का भाव जन जन में जगा
प्रांत भाषा पंथ की गत कालिमा को दे भगा
तृप्त सेवा भाव से कर दे सभी का ह्रदय पावन
संक्रमण का पर्व। ।
ज्ञान और विज्ञान के ऐश्वर्य का सूरज उगायें
स्वद शोणिये समृद्धि का सरसिज खिलाएं
मातृ भू का हम करें समवेत स्वर से आज गायन
संक्रमण का पर्व। ।
इस सनातन राष्ट्र का फिर विश्व कीर्ति छाए
राष्ट्र का जयकेतु भगवा विश्व में फिर लहराए
चूर कर दो गर्व अरि का दृष्टि जो फेरे अपावन
संक्रमण का पर्व। ।
आज तन मन और जीवन। RSS BEST GEET | संघ गीत। गण गीत।
चन्दन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है। बच्चा बच्चा राम है गीत। RSS GEET |
स्वयं अब जागकर हमको जगाना देश है अपना।वर्ग गीत आरएसएस। rss varg geet |
बढ़ना ही अपना काम है | आरएसएस गीत
मातृभूमि गान से गूंजता रहे गगन। गणगीत rss | संघ का उत्तम गणगीत। rss best geet
दोस्तों अगर ये सक्रांति गीत आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करियेगा | और हमारे अन्य पोस्ट्स पढ़ना बिलकुल न भूलें |
” राम – राज फिर आएगा , घर – घर भगवा छाएगा”
भगवा अग्नि का प्रतीक है। जिस प्रकार अग्नि सारी बुराइयों को जलाकर स्वाहा कर देती है , उसी प्रकार भगवा भी सारी बुराइयों को समाज से दूर करने का प्रयत्न कर रहा है। संपूर्ण भारत भगवामय हो ऐसा संघ का सपना है। यहाँ हमारा भगवा से आशय बुराई मुक्त समाज से है।
इस भगवा ध्वज को ‘ श्री रामचंद्र ‘ ने राम – राज्य में ‘ हिंदूकुश ‘ पर्वत पर फहराया था , जो हिंदू साम्राज्य के वर्चस्व का परिचायक है। इसी भगवा ध्वज को ‘ वीर शिवाजी ‘ ने मुगल व आताताईयों को भगाने के लिए थामा था। वीरांगना लक्ष्मीबाई ने भी साँस छोड़ दिया , किंतु भगवा ध्वज को नहीं छोड़ा।
इस भगवा प्लेटफार्म से हम हिंदू अथवा हिंदुस्तान के लोगों से एक सभ्य व शिक्षित समाज की कल्पना करते हैं। जिस प्रकार से राम – राज्य में शांति और सौहार्द का वातावरण था , वैसे ही राज्य की कल्पना हम इस समाज से करते हैं।
आपसे अनुरोध है कि अपने विचार कमेंट बॉक्स में सम्प्रेषित करें।
फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से अपने सुभेक्षु तक भेजें।
अपना फेसबुक लाइक तथा यूट्यूब पर सब्स्क्राइब करना न भूलें।