हिन्दू – हिन्दू हम बन्धु – बन्धु
ekal geet एकल गीत
गीत – हिन्दू – हिन्दू हम बन्धु – बन्धु हैं ,
हिन्दू – हिन्दू हम बन्धु – बन्धु हैं , बिंदु – बिंदु हम महासिंधु हैं।
हम अक्षयवट तरु विशाल हैं , सत्य सनातन चीर त्रिकाल है।
वैष्णव , शैव , शाक्त , सिख शाखा , बौद्ध , जैन हम विविध प्रशाखा।
हम अनेक में एक हिंदू हैं।
हिन्दू – हिन्दू हम बन्धु – बन्धु हैं , बिंदु – बिंदु हम महासिंधु हैं।।
हम न अवर्ण , सवर्ण कभी हैं , नहीं वैश्य ब्राह्मण क्षत्रिय हैं।
हम न शूद्र हरिजन बनवासी , हम केवल हिंदू अविनाशी।
हम विराट मानव स्वयंभू हैं।
हिन्दू – हिन्दू हम बन्धु – बन्धु हैं , बिंदु – बिंदु हम महासिंधु हैं।।
यहां ना कोई द्रविड़ आर्य है , कोई न आदिम नहीं अनार्य है।
ऊंच-नीच हम नहीं जानते , अगला पिछड़ा नहीं मानते।
हम समग्र निर्दोष इन्दु हैं।
हिन्दू – हिन्दू हम बन्धु – बन्धु हैं , बिंदु – बिंदु हम महासिंधु हैं।।
बढ़ना ही अपना काम है | आरएसएस गीत
मातृभूमि गान से गूंजता रहे गगन। गणगीत rss | संघ का उत्तम गणगीत। rss best geet
सक्रांति का गीत।सकरात में गाय जाने वाला गीत। एकल गीत।सूर्य का पर्व।
आपसे अनुरोध है कि अपने विचार कमेंट बॉक्स में सम्प्रेषित करें।
फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से अपने सुभेक्षु तक भेजें।
अपना फेसबुक लाइक तथा यूट्यूब पर सब्स्क्राइब करना न भूलें।
भगवा अग्नि का प्रतीक है। जिस प्रकार अग्नि सारी बुराइयों को जलाकर स्वाहा कर देती है , उसी प्रकार भगवा भी सारी बुराइयों को समाज से दूर करने का प्रयत्न कर रहा है। संपूर्ण भारत भगवामय हो ऐसा संघ का सपना है। यहाँ हमारा भगवा से आशय बुराई मुक्त समाज से है।
इस भगवा ध्वज को ‘ श्री रामचंद्र ‘ ने राम – राज्य में ‘ हिंदूकुश ‘ पर्वत पर फहराया था , जो हिंदू साम्राज्य के वर्चस्व का परिचायक है। इसी भगवा ध्वज को ‘ वीर शिवाजी ‘ ने मुगल व आताताईयों को भगाने के लिए थामा था। वीरांगना लक्ष्मीबाई ने भी साँस छोड़ दिया , किंतु भगवा ध्वज को नहीं छोड़ा।
इस भगवा प्लेटफार्म से हम हिंदू अथवा हिंदुस्तान के लोगों से एक सभ्य व शिक्षित समाज की कल्पना करते हैं। जिस प्रकार से राम – राज्य में शांति और सौहार्द का वातावरण था , वैसे ही राज्य की कल्पना हम इस समाज से करते हैं।
हिन्दू सनातन धर्म के प्रति आस्था।घर वापसी का एक अनूठा उदहारण।सनातन धर्म को अपनाया