अतीत से नव – स्फूर्ति लेकर = प्रस्तुत गीत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बड़े ही उत्साह पूर्वक ढंग से गाया जाता है। यह विशेष रूप से रक्षाबंधन के दिन गाया जाने वाला गीत है।
रक्षाबंधन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक उत्सव है जिसमें परम पवित्र भगवा ध्वज को रक्षाबंधन बांधकर अपने बंधु – बांधव ओं के साथ तथा पूरे समाज के साथ पवित्र बंधन बांध कर उनसे रक्षा का वचन लेते हैं। धर्म संस्कृति की रक्षा के हेतु उनसे तत्पर रहने का वचन भी लेते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज में एक सूत्र में बंधने का संदेश भी देता है। यह उत्सव राग द्वेष आपसी मनमुटाव भेदभाव आदि को त्याग कर मनाया जाने वाला उत्सव है।
अतीत से नव – स्फूर्ति लेकर। गीत RSS |
आज मनायें रक्षाबंधन
आज मनायें रक्षाबंधन। ।
अतीत से नव – स्फूर्ति लेकर
वर्तमान में दृढ उधम कर
भविष्य में दृढ निष्ठा रखकर कर्मशील हम रहे निरंतर। ।
आज मनायें रक्षाबंधन। ।
बलिदानों की परंपरा से
स्वराज्य है यह पावन जिनसे
वंदन उनको कृतज्ञता से धेय्य भाव करें जागरण। ।
आज मनायें रक्षाबंधन। ।
स्वार्थ द्वेष को आज त्यागकर
अहं भाव का पाश काटकर
अपना सब व्यक्तित्तव भुलाकर विराट का हम करते दर्शन। ।
आज मनायें रक्षाबंधन। ।
अरुण केतु को साक्षी रखकर
निश्चय वाणी आज गरजकर
शुभ-कृति का यह मंगल अवसर निष्ठा मन में रहे चिरंतन । ।
आज मनायें रक्षाबंधन
आज मनायें रक्षाबंधन। ।
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