Sare jahan se achaa lyrics – प्रस्तुत गीत इकबाल का मशहूर गीत है जो स्वाधीनता संग्राम के आंदोलन में बड़े ही उत्साह पूर्वक ढंग से गाया जाता था। इकबाल ने ब्रिटिश राज के विरोध में तराना ए हिंद उर्दू भाषा में लिखा। यह एक ग़ज़ल के रूप में लिखा गया था , जिसका हिंदी में रूपांतरण कर सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा गीत का रूप दिया गया।
यह गीत मोहम्मद इकबाल ने 1904 में लिखा था और सरकारी कॉलेज लाहौर में पढ़कर सुनाया। इसके बाद यह गीत बंगाल में आग की तरह फैल गई और देखते देखते पूरे देश ने इस गीत को अपना लिया। इसे हिंदी सिनेमा ने अपनाया और सितार वादक पंडित रविशंकर ने गाने को सुरबद्ध कर इसमें प्राण फूंक दिए।
बड़ा ही रोचक तथ्य देखने को मिलता है जब अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से इंदिरा गांधी ने फोन पर पूछा यह देश अंतरिक्ष से कैसा लगता है तो राकेश शर्मा ने सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा कहकर इस गीत का महत्व और बढ़ा दिया।
Sare jahan se achaa lyrics
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा
ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा
गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको
उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा
यूनान-ओ-मिस्र-ओ- रोमा, सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाकी, नाम-ओ-निशाँ हमारा
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-जहाँ हमारा
‘इक़बाल’ कोई महरम, अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहाँ हमारा
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसताँ हमारा
ऐ मेरे वतन के लोगों aye mere watan ke logon
आओ बच्चों तुम्हे दिखाए झांकी हिन्दुस्तान की। हिंदी देशभक्ति गीत। गीत
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