क्षमा प्रार्थना पूजा के पूर्ण होने पर यह जरूर पढ़ें नवरात्र। kshama prarthna for navratra

क्षमा प्रार्थना बहुत आवश्यक पाठ होता है | जो हमे हर पूजा विधि के बाद जरूर करना चाहिए | क्योकि हम सब को नहीं पता की पूजा की संपूर्ण विधि क्या होती है | इसलिए अगर कोई गलती हो जाती है अनजाने में तो हमे क्षमा याचना जरूर कर लेनी चाहिए | ताकि देवता हमसे प्रसन्न रहे | नीचे हमने पूर्ण पाठ दे रखा है | आप इसे इस्तेमाल कर सकते हैं पूजा विधि के बाद | 

माता की पूजा को पूर्ण करने की विधि – क्षमा प्रार्थना

 

परमेश्वरी मेरे द्वारा रात – दिन सहस्त्रों अपराध होते रहते हैं। यह मेरा दास है, यह समझ कर मेरे उन अपराधों को तुम कृपा पूर्वक क्षमा करो।

परमेश्वरी मैं आह्वान करना नहीं जानता , विसर्जन करना नहीं जानता , तथा पूजा करने का ढंग भी नहीं जानता , क्षमा करो।

देवी सुरेश्वरी मैंने जो मंत्रहीन क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है वह सब आपकी कृपा से पूर्ण हो। सैकड़ों अपराध करके भी जो तुम्हारी शरण में ‘जय जगदंबे’ कहकर पुकारता है उसे वह गति प्राप्त होती है जो ब्रह्मादि देवताओं के लिए भी सुलभ नहीं है।

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जगदंबिके मैं अपराधी हूं , किंतु तुम्हारे शरण में आया हूं , इस समय दया का पात्र हूं , तुम जैसा चाहो करो।

देवी परमेश्वरी अज्ञान से , भूल से , अथवा बुद्धि भ्रांत होने के कारण मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो वह सब क्षमा करो , और प्रसन्न हो।

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सच्चिदानंद स्वरूपा  परमेश्वरी ! जगन्नमाता कामेश्वरी तुम प्रेम पूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो , और मुझ पर प्रसन्न रहो।  देवी सुरेश्वरी तुम गोपनीय से भी गोपनीय वस्तुओं की रक्षा करने वाली हो , मेरे निवेदन को ग्रहण करो तुम्हारी कृपा से मुझे सिद्धि प्राप्त हो।

 

क्षमा प्रार्थना मन्त्र

” मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दनं। 

यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे। ।  

 

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