ये शहीदों की जय हिंद बोली
ये शहीदों की जय हिंद बोली
ऐसी वैसी ये बोली नहीं है
इनके माथे पे खून का है टीका
देखो देखो ये रोली नहीं है। ।२
सर कटाऊं जवानो को लेकर चल पड़ें है हमीरा के आगे
हम है संतान राणा शिवा की , कायरों की ये टोली नहीं है।
चल दिया जब जवां हँसते हँसते , माँ की ममता तड़प करके बोली।
आओ सो जाओ लाल मेरी गौद में , अब तेरे पास गोली नहीं है।
अब विदा जाने वाले शहीदों , खून की सुर्ख पगड़ी पहनकर ,
खून की आज बौछार देखो , आज रंगो की होली नहीं है।
संघ पर आँख दिखलाने वाले , भस्म हो जाएंगे सारे दुश्मन ,
ये भला है कि अब तक हमने , तीसरी आँख नहीं खोले है।
ये शहीदों की जय हिंद बोली
ऐसी वैसी ये बोली नहीं है
इनके माथे पे खून का है टीका
देखो देखो ये रोली नहीं है। ।
संघ चेतना बढ़ना अपना काम है।rss geet |
चलो भाई चलो शाखा में चलो।rss best geet
हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है
संगठन हम करें आफतों से लडे हमने ठाना।sangh geet
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