Sangh geet mala rss geet
संगठन हम करें आफतों से लडे हमने ठाना
( sangh geet mala )
संगठन हम करें , आफतों से लडे हमने ठाना।
हम बदल देंगे सारा ज़माना। ।
वीर प्रताप के शेरों जागो , वीर बंदा की शमशीर जागो।
बज रहा है विगुल , नौजवां तू निकल रण में जाना। ।
हम बदल देंगे सारा ज़माना———————
संगठन हम करें , आफतों से लडे हमने ठाना।
हम बदल देंगे सारा ज़माना। ।
शेर शिवराज की तेग खड़के ,बोली हर – हर महादेव भड़के।
शक्ति हो साथ में , भगवा हो हाथ में , बढ़ते जाना। ।
हम बदल देंगे सारा ज़माना———————
संगठन हम करें , आफतों से लडे हमने ठाना।
हम बदल देंगे सारा ज़माना। ।
वीर केशव ने यह गीत गाया , राम राज्य का डंका बजाया।
हम जिए या मरे , हर बला से लडे , हमने ठाना।।
हम बदल देंगे सारा ज़माना———————
संगठन हम करें , आफतों से लडे हमने ठाना।
हम बदल देंगे सारा ज़माना। ।
संगठन गढ़े चलो ,सुपंथ पर बढे चलो
( sangh geet mala )
संगठन गढ़े चलो , सुपंथ पर बढे चलो।
भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।।
युग के साथ मिल के सब , कदम बढ़ाना सिख लो ,
एकता के स्वर में गीत , गुनगुनाना सिख लो ,
भूल का भी मुख से जाति , पंथ की न बात हो
भाषा प्रांत के लिए , कभी न रक्त – पात हो ,
फुट का घड़ा भरा है , फोड़ कर बढे चलो।
भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।
संगठन गढ़े चलो , सुपंथ पर बढे चलो।
भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।।
आ रही है आज चारों ओर से यही पुकार
हम करेंगे त्याग मातृभूमि के लिए अपार
कष्ट जो मिलेगे , मुस्कुरा के सब सहेंगे हम
देश के लिए सदा , जियेंगे और मरेंगे हम
देश का ही भाग्य , अपना भाग्य है ये सोच लो।
भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।
संगठन गढ़े चलो , सुपंथ पर बढे चलो।
भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।।
जिनके ओजस्वी वचनो से , गूंज उठा था विश्व गगन
( sangh geet mala )
जिनके ओजस्वी वचनो से , गूंज उठा था विश्व गगन
वही प्रेरणा पुंज हमारे , स्वामी पूज्य विवेकानंद। २
जिनके माथे गुरु कृपा थी , दैनिक गुण आलोक भरा।
अद्भुत प्रज्ञा परकटी जग में , धन्य – धन्य यह पुण्य धरा।
सत्य सनातन परम ज्ञान का , जो करते अभिनव चिंतन।
वही प्रेरणा पुंज हमारे , स्वामी पूज्य विवेकानंद।
जिनके ओजस्वी वचनो से , गूंज उठा था विश्व गगन
जिनका फौलादी भुजबल था , हर संकट में सदा अटल।
मर्यादित तेजस्वी जीवन , सजग समर्पित था हर पल।
हो निर्भय जो करे गर्जना , जिनके अन्तस दिव्य अगन।
वही प्रेरणा पुंज हमारे , स्वामी पूज्य विवेकानंद।
जिनके ओजस्वी वचनो से , गूंज उठा था विश्व गगन
जिसके रोम रोम म करुणा , समरस जनजीवन की चाह।
नष्ट करे सारे भेदों को , सेवाव्रत ही सच्ची राह।
दरिद्र ही नारायण जिनका , हर धड़कन में अपमान।
वही प्रेरणा पुंज हमारे , स्वामी पूज्य विवेकानंद।
जिनके ओजस्वी वचनो से , गूंज उठा था विश्व गगन
जिसके मन था स्वपन महान , हो भारत का पुनरुथान।
जीवनदीप में सब जलाकर पाए , गौरवमय – वैभव , सम्मान।
जगती में सब सुखद – सुमंगल , बहे सुगन्धित मुक्त पवन।।
वही प्रेरणा पुंज हमारे , स्वामी पूज्य विवेकानंद।
जिनके ओजस्वी वचनो से , गूंज उठा था विश्व गगन
वही प्रेरणा पुंज हमारे , स्वामी पूज्य विवेकानंद।।
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विद्या ददाति विनयम
कलयुग में शक्ति का एक मात्र साधन ‘संघ ‘ है। अर्थात जो लोग एकजुट होकर संघ रूप में रहते हैं , संगठित रहते हैं उनमें ही शक्ति है।
साथियों संघ के गीत का यह माला तैयार किया गया है , जो संघ के कार्यक्रम में ‘ एकल गीत ‘ व ‘ गण गीत ‘ के रूप में गाया जाता है। समय पर आपको इस माला के जरिए गीत शीघ्र अतिशीघ्र मिल जाए ऐसा हमारा प्रयास है। आप की सुविधा को ध्यान में रखकर हमने इसका मोबाइल ऐप भी तैयार किया है जिस पर आप आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस भगवा प्लेटफार्म से हम हिंदू अथवा हिंदुस्तान के लोगों से एक सभ्य व शिक्षित समाज की कल्पना करते हैं। जिस प्रकार से राम – राज्य में शांति और सौहार्द का वातावरण था , वैसे ही राज्य की कल्पना हम इस समाज से करते हैं।
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सुन्दर प्रयास
शुक्रिया राकेश भाई साहब हम ऐसे ही प्रयास करते रहेंगे